अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥ प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप ध�
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥ प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप ध�