Not known Factual Statements About shiv chalisa lyrics english
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अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अर्थ- आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
और मनोरथ जो कोई check here लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।
बुधवार – आप दीर्घायु तथा सदैव निरोगी रहते हैं.
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥